वोकल फॉर लोकल सिर्फ नारा नहीं संस्कार है नये संकल्प के साथ खड़ी नये भारत की नयी खादी


वोकल फॉर लोकल सिर्फ नारा नहीं संस्कार है
नये संकल्प के साथ खड़ी नये भारत की नयी खादी
• खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने केंद्रीय कार्यालय मुंबई में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया.
• अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
• केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि ‘मोदी सरकार की गारंटी’ से खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार रु. 1.34 लाख करोड़ के पार पहुंचा.
• माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘नये भारत की नयी खादी’ आज ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत’ की पहचान बन चुकी है।
75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने किया। इस अवसर पर अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग पूज्य बापू की विरासत का विस्तार है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वावलंबी ग्रामस्वराज को सशक्त गणतंत्र का प्रतीक मानते थे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में केवीआईसी ने ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खादी संस्थाओं के माध्यम से खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ‘मोदी सरकार की गारंटी’ के परिणामस्वरूप खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 9 वर्षों में ‘मोदी सरकार’ के प्रयासों से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में करीब 233 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिससे उनकी आर्थिक संपन्नता बढ़ी और ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के संसाधन बढ़े हैं। पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत की विरासत खादी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण का ताना-बाना बुन रही है।
केंद्रीय कार्यालय मुंबई में अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए की भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में हमारे पास दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हैं। राष्ट्र का संविधान हमें अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान करता है, जो हमारी भारतीय पहचान को गौरवशाली बनाता है। उन्होंने आगे कहा कि गणतंत्र दिवस देश के प्रति अपनी राष्ट्रभक्ति दिखाने का एक माध्यम है। जो राष्ट्र जितना आत्मनिर्भर और विकसित होगा उसमें राष्ट्रवाद की भावना उतनी ज्यादा होगी। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘नये भारत की नयी खादी’ आज ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत’ की पहचान बन चुकी है। खादी सिर्फ वस्त्र नहीं है, बल्कि वो एक सशक्त, समृद्ध और समावेशी भारत के निर्माण का ‘अस्त्र’ और ‘शस्त्र’ बन चुका है।
उन्होने कहा कि वोकल फॉर लोकल सिर्फ नारा नहीं संस्कार है और हमारे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा G- 20 में पधारे अतिथियों को खादी की भेंट ने एक बार फिर इस संकल्प को दोहराया है । और हमें हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इसी गारंटी के साथ सफलता के नित नए सोपान रचना है ।
अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि जहां स्वतंत्रता से पूर्व पूज्य बापू के नेतृत्व में खादी अंग्रेजों के विरूद्ध राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन का हथियार बनी, वहीं आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह ‘स्वावलंबी भारत’ की अगुवा बन गयी है। पिछले 9 सालों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र से खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार तीव्रगति से बढ़ा है। खादी वस्त्रों का उत्पादन 880 करोड़ रुपये से बढ़कर 3000 करोड़ रुपये और खादी उत्पादों की बिक्री 1170 करोड़ रुपये से बढ़कर 6000 करोड़ रुपये हो गयी है। इतना ही नहीं, खादी महोत्सव के दौरान दिल्ली के कनॉट प्लेस के शोरूम में एक दिन में 1.5 करोड़ रुपये की बिक्री हुई और खादी भंडार में एक महीने में 25 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। कार्यक्रम में आयोग के विशेषज्ञ सदस्य श्री शिरीष केदारे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनीत कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे ।
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