व्यापम द्वारा आयोजित पीसीआरटी-2013 परीक्षा से संबन्धित मामलें में उम्मीदवार एवं परनामधारी को चार वर्ष की कठोर कारावास

CBI : Bharat Satya : विशेष न्यायाधीश, सीबीआई(व्यापम मामलें), ग्वालियर( मध्य प्रदेश ) ने व्यापम द्वारा आयोजित पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2013 में श्री सतेंद्र सिंह यादव (लाभार्थी उम्मीदवार) एवं श्री जितेंद्र कुमार (परनामधारी/सॉल्वर)  को चार वर्ष की  कठोर कारावास व प्रत्येक को  14,100 रु. के जुर्माने की सजा सुनाई।

    सीबीआई ने भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दिनाँक 18.08.2015 को वर्तमान  मामला दर्ज किया एवं पूर्व में,  दिनाँक 15.09.2013 को व्यापमं, भोपाल द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश  पुलिस सिपाही  भर्ती परीक्षा-2013 (द्वितीय) में परनामधारण  के आरोप पर  पुलिस स्टेशन, कम्पू, ग्वालियर में दिनाँक 11.02.2014 को श्री मधुराज सिंह के विरुद्ध  दर्ज प्राथमिकी संख्या 109/14 की जांच को अपने हाथों में लिया। यह भी आरोप है  कि श्री मधुराज सिंह (उम्मीदवार), दिनाँक 01.02.2014 को 14वीं बटालियन, एसएएफ ग्राउंड, ग्वालियर में आयोजित एमपी पीसीआरटी-2013 (द्वितीय) की शारीरिक दक्षता परीक्षा में उपस्थित होने के दौरान, फोटोग्राफ बेमेल होने के कारण वहां तैनात कर्मियों  ने, पकड़ लिया। जांच के पश्चात,  राज्य पुलिस ने उक्त आरोपी  के विरुद्ध  आरोप पत्र दायर  किया।

सीबीआई जांच के दौरान, यह पाया गया कि श्री मधुराज सिंह (लाभार्थी उम्मीदवार),  पीसीआरटी-2013 (द्वितीय) की लिखित परीक्षा में उपस्थित नहीं हुआ था। सीबीआई ने आरोपी के विरुद्ध दिनांक  26.04.2016 को प्रथम पूरक आरोप पत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश, सीबीआई (व्यापम मामले), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ने दिनांक 24.12.2018 के निर्णय में श्री मधुराज सिंह (उम्मीदवार/छात्र) को 5 वर्ष की कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। अन्य आरोपियों/संदिग्धों के विरुद्ध  आगे की जांच जारी  रखी गई।

आगे की जांच के दौरान, यह स्थापित हुआ  कि एक अन्य उम्मीदवार श्री सतेंद्र सिंह यादव को पीसीआरटी 2013 (द्वितीय) में श्री जितेंद्र कुमार (सॉल्वर) द्वारा परनामधारित (Impersonated) किया गया । इसलिए, सीबीआई ने ग्वालियर की अदालत के समक्ष उक्त नए आरोपियों  के विरुद्ध  दूसरा पूरक आरोप पत्र दिनाँक 10.05.2018 को दायर किया।

विचारण अदालत ने द्वितीय पूरक आरोप पत्र के उक्त आरोपियों को कसूरवार पाया एवं  दोषी ठहराया। (20-12-2023)

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