बैंक ऑफ इंडिया को 206.87 लाख रु. की हानि पहुंचाने पर निजी कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन एवं दो अन्य को पाँच वर्ष की कठोर कारावास: दोषियों पर दो करोड़ रु. से ज्यादा का जुर्माना लगाया


CBI : Bharat Satya : सीबीआई मामलों के अपर मुख्य महानगर दंडाधिकारी, एग्मोर, चेन्नई (तमिलनाडु) ने एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ-सह-चेयरमैन सहित 3 आरोपियों को 5 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी एवं उक्त कंपनी पर संयुक्त रूप से 2,10,62,000/- रु. का जुर्माना भी लगाया। मैसर्स पल्पापइचिनिची सॉफ्टवेयर इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन सीईओ-सह-चेयरमैन श्री पी. सेंथिल कुमार को 5 वर्ष की कठोर कारावास के साथ 2,07,62,000/- रु. का जुर्माना एवं श्री. एस. कालिदासन उर्फ एच. जयकुमार तथा श्री थंजन चेज़ियानारे को पाँच-पाँच वर्ष की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक को एक-एक लाख रु. जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने मैसर्स पल्पापइचिनिची सॉफ्टवेयर इंटरनेशनल लिमिटेड (इसके चेयरमैन श्री पी. सेंथिल कुमार द्वारा प्रतिनिधित) पर भी एक लाख रु. का जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त शिकायत के आधार पर मैसर्स पल्पापइचिनिची सॉफ्टवेयर इंटरनेशनल लिमिटेड के सीईओ-सह-चेयरमैन श्री पी. सेंथिल कुमार के विरुद्ध दिनाँक 27.09.2008 को मामला दर्ज किया। यह आरोप है कि आरोपी ने काल्पनिक व्यक्तियों को अपनी कंपनी के कर्मचारियों के रूप में दर्शाते हुए उनके नाम पर बैंक ऑफ इंडिया, अन्ना सलाई शाखा, चेन्नई में स्टार पर्सनल लोन योजना के तहत 149 ऋण खाते खोले एवं ऋण लेने वालों के नाम पर जाली वेतन पर्ची व पहचान पत्र बनाकर ऋण स्वीकृत कराया। ऋण राशि का भुगतान नहीं किया गया, जिससे बैंक ऑफ इंडिया को 206.87 लाख रु. की हानि हुई।
जांच के पश्चात, आरोपी के विरुद्ध दिनाँक 30.09.2009 को आरोप पत्र दायर किया गया।
विचारण अदालत ने उक्त आरोपियों को कसूरवार एवं उन्हें दोषी ठहराया। 21/12/2023